हमास का काल यासिर अबू शबाब कौन है, जो गाजा पर कंट्रोल करने की कर रहा कोशिश, क्या इजरायल का है प्यादा?

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यासिर अबू शबाब एक वक्त अपराध की दुनिया का जाना माना नाम था, जो ड्रग्स तस्करी में माहिर था। लेकिन अब वो 'पॉपुलर फोर्सेस' नाम के एक सशस्त्र समूह का नेता है। ये संगठन खुद को हमास के खिलाफ स्थानीय प्रतिरोध के रूप में पेश कर रहा है।

Yasser Abu Shabab vs hamas
गाजा पर कब्जा करने की कोशिश करने वाला अबू शबाब कौन है?
गाजा पट्टी: इजरायली हमलों ने गाजा को ध्वस्त कर दिया है। गाजा अब पूरी तरह से बर्बाद है। लोग भूख और दर्द से त्रस्त हैं, लेकिन इन सबके बीच मिलिशिया शासन का टकराव भी शुरू हो गया है। गाजा में यासिर अबू शबाब नाम के शख्स का उदय हुआ है, जो अब गाजा पर नियंत्रण करने का दावा कर रहा है। यासिर अबू शबाब, गाजा पट्टी के रफा क्षेत्र के रहने वाला एक कबीले का नेता है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो इजरायल का प्यादा है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इजरायली सैनिकों के संरक्षण में यासिर अबू शबाब एक्टिव हो रहा है और धीरे धीरे गाजा पट्टी में अपना शासन कायम करने की कोशिश कर रहा है। इसने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ लोगों को लामबंद करना शुरू कर दिया है और उसने अपनी खुद को मिलिशिया का निर्माण किया है।

यासिर अबू शबाब एक वक्त अपराध की दुनिया का जाना माना नाम था, जो ड्रग्स तस्करी में माहिर था। लेकिन अब वो 'पॉपुलर फोर्सेस' नाम के एक सशस्त्र समूह का नेता है। ये संगठन खुद को हमास के खिलाफ स्थानीय प्रतिरोध के रूप में पेश कर रहा है। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह वास्तव में गाजा के लोगों के लिए सुरक्षा का प्रतीक हैं, या इजराइल का एक प्रॉक्सी, जिसका मकसद गाजा में इजरायल के मुताबिक शासन की स्थापना करना है। 'पॉपुलर फोर्सेस' का कहना है कि वो गाजा पट्टी में लोगों की अराजकता और हमास की कैद से नागरिकों की रक्षा कर रहा है।
यासिर अबू शबाब कौन है?
यासिर अबू शबाब, रफा में रहने वाले ताराबिन जनजाति से संबंधित है और पहले ड्रग तस्करी और चोरी के आरोपों में हमास की जेल में बंद था। इजराइली हवाई हमलों के दौरान जेल से भागने के बाद उसने 'पॉपुलर फोर्सेस' नाम के एक सशस्त्र समूह की स्थापना की, जो दावा करता है कि वह नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता की रक्षा करता है। उसके लड़ाके फिलिस्तीनी झंडे और "काउंटर-टेररिज्म यूनिट" के पैच वाले यूनिफॉर्म पहन रहे हैं। इस हफ्ते उसने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें दावा किया गया कि उसके समूह, जिसे औपचारिक रूप से अल-कुवत अल-शबेया (पॉपुलर फोर्सेस) कहा जाता है, उसने पूर्वी रफा पर नियंत्रण कर लिया है। उसने विस्थापित नागरिकों से वापस लौटने का आग्रह किया है और इजरायली सेना की निगरानी में बनाए गए अस्थायी शिविरों में भोजन, आश्रय और सुरक्षा का वादा किया है।

अबू शबाब के समर्थकों का तर्क है कि उनकी सेनाएं केवल वहां कदम रख रही हैं, जहां कोई और नहीं आने की हिम्मत करेगा। दूसरी तरफ रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हमास ने हाल ही में सहायता लूटने के लिए चार लोगों को मार डाला और उनके समूह का दावा है कि वे ऐसी चोरी को रोक रहे हैं। लेकिन हमास के अधिकारियों ने उन पर यही आरोप लगाया है, उनका कहना है कि उनके लोगों ने केरेम शालोम और सलाह अल-दीन स्ट्रीट के पास सहायता को रोका है। हमास ने अबू शबाब और उसके संगठन को इजरायल का प्रॉक्सी करार दिया है। कुद्स न्यूज़ और हारेत्ज़ और द वाशिंगटन पोस्ट जैसे आउटलेट्स की रिपोर्ट में अबू शबाब और उसके समूह को इजरायली सैन्य सुरक्षा के तहत काम करने वाला संगठन कहा गया है।

हमास ने अबू शबाब को इजराइल का सहयोगी और अपराधी करार दिया है और उस पर मानवीय सहायता की लूटपाट का आरोप लगाया है। स्थानीय समुदाय में भी उनकी वैधता पर सवाल उठाए गए हैं और उसके अपने परिवार ने सार्वजनिक रूप से उससे दूरी बना ली है। अबू शबाब का दावा है कि उनका समूह मानवीय सहायता की सुरक्षा करता है और नागरिकों को हमास के आतंक से बचाता है। उन्होंने रफा के पूर्वी हिस्से में नियंत्रण स्थापित करने का दावा किया है और विस्थापित नागरिकों को वापस लौटने का आह्वान किया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यासिर अबू शबाब का उदय गाजा में एक जटिल और विवादास्पद घटना हैस जो इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को एक मोड़ पर ला देता है। इसका मतलब है कि इजरायल हमास के खिलाफ लोगों के सामने एक विकल्प पेश कर रहा है।
अभिजात शेखर आजाद

लेखक के बारे मेंअभिजात शेखर आजादअभिजात शेखर आजाद, बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है और पिछले 15 सालों से ज्यादा वक्त से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। ज़ी मीडिया समेत कई नामी संस्थानों काम कर चुके हैं। जियो-पॉलिटिक्स और डिफेंस सेक्टर में काम करने का लंबा अनुभव है। NBT में दुनिया डेस्क पर कार्यरत हैं और इंटरनेशनल पॉलिटिक्स और डिफेंस सेक्टर पर लिखते हैं।... और पढ़ें

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