मुनीर से मुलाकात से कुछ घंटे पहले ही ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी की फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री ने साफ किया था कि भारत मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं करेगा और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चर्चा इस्लामाबाद के अनुरोध पर शुरू की गई थी। इतना ही नहीं, ट्रंप ने पीएम मोदी को कनाडा से लौटते समय अमेरिका आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे पीएम मोदी ने इसे अस्वीकार कर दिया।
ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम
मुनीर के साथ ट्रंप की मुलाकात ये भी साबित करती है कि अमेरिका साफ तौर पर पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व को ही देश की असली शासक मानता है। जब ट्रंप से पहले पूछा गया कि वे इस बैठक से क्या हासिल करना चाहते हैं तो ट्रंप ने कहा, 'ठीक है, मैंने एक युद्ध रोका... मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं। मुझे लगता है कि (भारतीय प्रधानमंत्री) मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के साथ ट्रेड डील करने जा रहे हैं।' ट्रंप ने मुनीर का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की ओर से युद्ध को रोकने में वे बहुत प्रभावी थे।भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान
ट्रंप ने पिछले महीने दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में उन्होंने मध्यस्थता की थी। पाकिस्तान ने मध्यस्थता की भूमिका के लिए वॉशिंगटन और ट्रंप को धन्यवाद दिया है। जबकि भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से बार-बार इनकार किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि युद्धविराम को लेकर ट्रंप की बार-बार टिप्पणियों से भारत और अमेरिका के संबंधों को नुकसान हो सकता है।असीम मुनीर से मिलकर ट्रंप ने कर दी गलती, भारत के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है अमेरिकी राष्ट्रपति का पाकिस्तान प्रेम, समझें
एशिया पैसिफिक फाउंडेशन थिंक टैंक के सीनियर फेलो माइकल कुगेलमैन ने कहा कि अगर ट्रंप युद्धविराम में अमेरिका की भूमिका के बारे में टिप्पणी जारी रखते हैं और कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश करते हैं, तो भारत और अमेरिका के बीच हाल में बेहतर हुए संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है।