लाहौर 1947: सनी देओल की फिल्‍म की कहानी जान दिल में मच जाएगी खलबली! भयंकर एक्‍शन और रिलीज डेट पर टूटी चुप्‍पी

Edited byस्वपनल सोनल|नवभारतटाइम्स.कॉम
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सनी देओल की फिल्‍म 'लाहौर 1947' अपने ऐलान के बाद से ही चर्चा में है। यह फिल्‍म असगर वजाहत के मशहूर नाटक पर आधारित है। फिल्‍म के प्रोड्यूसर आमिर खान ने अब इसकी र‍िलीज डेट और एक्‍शन सीक्‍वेंस पर चुप्‍पी तोड़ी है।

Lahore 1947 Story Plot
'लाहौर 1947' कब र‍िलीज होगी? सनी देओल की फ‍िल्‍म की क्‍या है कहानी, जान‍िए सबकुछ
सनी देओल ने 'गदर 2' से ब्‍लॉकबस्‍टर कमबैक किया। उनकी पिछली रिलीज 'जाट' भले ही बॉक्‍स ऑफिस पर बंपर कमाई नहीं कर पाई, लेकिन इसमें उनके 90 के दशक वाले एक्‍शन स्‍टाइल पर खूब सीटियां बजीं। अब चर्चा उनकी अगली फिल्‍म 'लाहौर 1947' की है। इसमें उनके साथ प्रीति जिंटा लीड रोल में हैं। फिल्‍म में शबाना आजमी, श‍िल्‍पा शेट्टी और अली फजल भी हैं। राजकुमार संतोषी के डायरेक्‍शन में बनी इस फिल्‍म को आमिर खान प्रोड्यूस कर रहे हैं। 'सितारे जमीन पर' की सक्‍सेस का जश्‍न मना रहे आमिर ने अब 'लाहौर 1947' को लेकर नए खुलासे किए हैं।

आमिर खान ने बताया कि 'लाहौर 1947' हालांकि कोई एक्शन फ‍िल्म नहीं है, लेकिन इसमें एक जबरदस्‍त एक्शन सीक्वेंस है, जिसमें सनी देओल अपने दुश्‍मनों की जमकर धुलाई करने वाले हैं। असगर वजाहत के नाटक 'जिस लाहौर नइ देख्या ओ जम्याइ नइ' पर आधारित इस फिल्‍म के बारे में आमिर ने 'पिंकविला' से खास बातचीत की है।

आमिर बोले- एक्‍शन फिल्‍म नहीं है 'लाहौर 1947'

आमिर खान ने बताया, 'लाहौर 1947 कोई एक्‍शन फिल्‍म नहीं है। लेकिन इसमें सनी देओल हैं, जो एक बेहतरीन एक्शन स्टार हैं। फिल्‍म में एक जबरदस्‍त एक्‍शन सीक्वेंस है, जिसमें उन्‍होंने कमाल किया है। यह फिल्‍म मूल रूप से एक पीरियड ड्रामा है।'

'लाहौर 1947' कब रिलीज होगी?

'लाहौर 1947' पहले 26 जनवरी 2025 को ही रिलीज होनी थी। लेकिन पोस्‍ट प्रोडक्‍शन में देरी के कारण इसे पोस्‍टपोन किया गया। अब जब आमिर से इसकी संभावित रिलीज डेट के में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा, 'मुझे अभी नहीं पता। एक बार यह काम खत्म हो जाए, इसके बाद ही कुछ बता पाऊंगा।'

'लाहौर 1947' की कहानी

'जिस लाहौर नइ देख्या ओ जम्याइ नइ' का मतलब है 'जिसने लाहौर नहीं देखा, वो जन्‍मा ही नहीं।' असगर वजाहत के लिखे इस नाटक के केंद्र में लाहौर और 1947 का दौर है। भारत के विभाजन के दौरान सेट इस कहानी में एक मुस्लिम परिवार है, जो लखनऊ से लाहौर में आकर बस जाता है। उनके आने पर, उन्हें एक हवेली आवंटित की जाती है जिसे विभाजन के कारण उस इलाके से पलायन कर रहे एक हिंदू परिवार ने खाली कर दिया था। यह कहानी तब और उलझ जाती है जब इस परिवार को पता चलता है कि हवेली में अभी भी एक बुजुर्ग हिंदू महिला रह रही है। विभजन के माहौल में तनाव बढ़ता है। जटिल भावनाएं अपने चरम पर पहुंचती हैं। भारतीय इतिहास के सबसे उथल-पुथल भरे दौर में बुनी गई यह कहानी भावनाओं के भवसागर में गोते लगाते हुए आगे बढ़ती है।

'प्रीतम प्‍यारे', 'एक दिन' और 'हैप्‍पी पटेल' भी ला रहे हैं आमिर खान

आमिर खान के प्रोडक्‍शन हाउस के बैनर तले फिलहाल चार बड़ी फिल्‍में बन रही हैं। इनमें 'लाहौर 1947' के अलावा 'प्रीतम प्यारे', 'एक दिन' और 'हैप्पी पटेल' शामिल हैं। 'प्रीतम प्यारे' में संजय मिश्रा और नीरज सूद हैं। 'एक दिन' में आमिर के बेटे जुनैद खान और साई पल्लवी हैं। 'हैप्पी पटेल: खतरनाक जासूस' में वीर दास हैं और यह एक कॉमेडी फिल्‍म है।
स्वपनल सोनल

लेखक के बारे मेंस्वपनल सोनलस्‍वपनल सोनल के लिए पत्रकारिता पेशा है और सिनेमा प्‍यार। नई दिल्‍ली स्‍थ‍ित भारतीय जनसंचार संस्‍थान (IIMC) से पत्रकारिता का ककहरा सीख, वह बीते 13 साल से मुख्‍यधारा की अलग-अलग विधाओं में खबरों से दिल लगा रहे हैं। नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में वह एंटरटेनमेंट टीम के साथ जुड़े हुए हैं। राजनीति और टेक्‍नोलॉजी में भी उनकी खास रुच‍ि है। स्‍वपनल, पूर्व में 'आजतक', 'दैनिक जागरण' और 'राजस्‍थान पत्र‍िका' की संपादकीय टीम का भी हिस्‍सा रह चुके हैं।... और पढ़ें

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