अमेरिका के कॉलेज स्टूडेंट्स पर आई ये रिपोर्ट क्यों चर्चा में है? जानें इसमें ऐसा क्या कहा गया

Authored byअनवर अंसारी|नवभारतटाइम्स.कॉम
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US Student Part Time Jobs: अमेरिका में पार्ट-टाइम जॉब काफी ज्यादा पॉपुलर हैं। भारतीय छात्र भी जब अमेरिकी कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं, तो वह पार्ट-टाइम जॉब करते हैं।

स्टोर में काम करते अमेरिकी स्टूडेंट्स (Gemini)
स्टोर में काम करते अमेरिकी स्टूडेंट्स (Gemini)
Study in USA: अमेरिका में स्टूडेंट्स के बीच पार्ट-टाइम जॉब का कल्चर काफी ज्यादा पॉपुलर है। भारतीयों समेत विदेशी छात्र भी अमेरिका में एडमिशन मिलने के बाद अपने रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए पार्ट-टाइम जॉब करते हैं। हालांकि, ज्यादातर वही लोग पार्ट-टाइम जॉब को प्राथमिकता देते हैं, जिनका बजट टाइट होता है। पार्ट-टाइम जॉब करने से पैसे तो मिलते हैं, लेकिन वजह से पढ़ाई भी काफी ज्यादा बाधित हो जाती है। इसका असर अकेडमिक परफॉर्मेंस पर साफ झलकता है।
अमेरिका के कॉलेज स्टूडेंट्स पर आई ये रिपोर्ट क्यों चर्चा में है? जानें इसमें ऐसा क्या कहा गया


हाल ही में अमेरिका के कॉलेज जाने वाले छात्रों को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश हुई है। इसकी एक ऐसी डिटेल दी गई है, जो दिखाती है कि अमेरिका में पढ़ाई का खर्च इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि छात्रों की एक बड़ी आबादी जॉब कर रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले के मुकाबले अब ज्यादातर वो छात्र कॉलेज एजुकेशन हासिल कर रहे हैं, जो ज्यादा मैच्योर हैं और अधिक जिम्मेदारियां निभाने वाले हैं। वे खुद को आर्थिक रूप से स्वतंत्र रखने के लिए भी पार्ट-टाइम जॉब कर रहे हैं।

रिपोर्ट में क्या बताया गया है?

जेनिओ द्वारा प्रकाशित 'द न्यू मेजोरिटी लर्नर रिपोर्ट 2025' में अमेरिकी छात्रों के जॉब को लेकर जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड पोस्टसेकेंडरी एजुकेशन डेटा सिस्टम और नेशनल पोस्टसेकेंडरी स्टूडेंट एड स्टडी के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में 69.3% छात्र पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी कर रहे हैं। 2016 की तुलना में इसमें 10% की वृद्धि हुई है। अब फुल-टाइम कॉलेज जाने वाले छात्रों की परिभाषा की बदल गई है।


रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि अब कॉलेज जाने वाले छात्रों की उम्र भी ज्यादा है। पहले कम उम्र के छात्र एडमिशन लेते थे। अब ऐसे छात्र भी एडमिशन ले रहे हैं, जो खुद पैरेंट बन चुके हैं। आइए रिपोर्ट में सामने आई कुछ जरूरी डिटेल्स जानते हैं।

  • 40.20% छात्र 22 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
  • 69.30% छात्र पढ़ाई के साथ-साथ काम भी कर रहे हैं।
  • 39.10% छात्र पार्ट-टाइम पढ़ाई कर रहे हैं
  • 19.20% छात्र खुद पैरेंट बन चुके हैं।
  • 30.00% छात्र पहली पीढ़ी के कॉलेज छात्र हैं।
  • 25.00% छात्र आप्रवासी हैं।
  • 17.70% छात्रों को ईएसएल समर्थन की जरूरत है।
  • 16.50% छात्र न्यूरोडायवर्जेंट हैं।
ये आंकड़ें बताते हैं कि छात्रों की परिभाषा बदल चुकी है। छात्र अब पहले के मुकाबले ज्यादा समझदार और जिम्मेदार हो चुके हैं। वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के बाद ही डिग्री लेने पर विश्वास कर रहे हैं।
अनवर अंसारी

लेखक के बारे मेंअनवर अंसारीअनवर अंसारी की अंतरराष्ट्रीय राजनीति और खेल में दिलचस्पी के चलते पत्रकारिता में एंट्री हुई. नेशनल डेस्क पर राजनीतिक खबरों की क, ख, ग..सीखने के बाद इंटरनेशनल डेस्क का रुख किया। अमेरिका, ब्रिटेन से लेकर मिडिल ईस्ट के घटनाक्रमों पर खासा दिलचस्पी रही है। फिर लंबा वक्त अंतरराष्ट्रीय डेस्क पर बिताने के बाद एजुकेशन डेस्क पर डेब्यू हुआ. वीजा, इमिग्रेशन, शिक्षा और विदेश में नौकरी जैसे विषयों पर लिखने में दिलचस्पी।... और पढ़ें

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