Please enable javascript.Apple,गूगल से मुकाबले के लिए इस एआई कंपनी को ‘मोहरा’ बना सकती है ऐपल, भारत से खास कनेक्‍शन - apple discussing to buy perplexity ai new challenge for google and a india connection - Navbharat Times

गूगल से मुकाबले के लिए इस एआई कंपनी को ‘मोहरा’ बना सकती है ऐपल, भारत से खास कनेक्‍शन

Authored by: प्रेम त्रिपाठी|नवभारतटाइम्स.कॉम

Apple-Perplexity AI: एआई के क्षेत्र में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां ऐपल को चुनौती दे रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अब ऐपल में बात हुई है परप्‍लेक्‍सिटी एआई को खरीदने पर। उसे सफारी ब्राउजर में इंटीग्रेट किया जा सकता है।

apple perplexity
(फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के क्षेत्र में ऐपल उस तेजी से आगे नहीं बढ़ पाई है, जो विकास गूगल ने किया है। हाल में हुईं दो बड़ी डेवलपर कॉन्‍फ्रेंस में यह देखने को भी मिला। गूगल आईओ 2025 में कंपनी ने एक से बढ़कर एक एआई प्रोडक्‍ट्स दिखाए। लेकिन ऐपल की वर्ल्‍ड वाइड डेवलपर कॉन्‍फ्रेंस एआई से ज्‍यादा उसके आईओएस 26 व अन्‍य पर फोकस्‍ड थी। दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट भी एआई के क्षेत्र में काफी एडवांस टूल पेश कर चुकी है। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अब ऐपल में परप्‍लेक्‍सिटी एआई (Perplexity AI) को खरीदने के लिए आंतरिक चर्चा की जा रही है। अगर ऐसा मुमकिन हुआ तो ऐपल को एक एआई सर्च इंजन भी मिल जाएगा। याद रहे कि परप्‍लेक्‍स‍िटी एआई एक सर्च इंजन है जो लार्ज लैंग्‍वेज मॉडल पर काम करता है। इसका सीधा मुकाबला गूगल से है। ऐपल इसे खरीद लेती है तो गूगल सर्च इंजन पर उसकी निर्भरता कम हो सकती है। परप्‍लेक्‍सिटी एआई का भारत से क्‍या खास कनेक्‍शन है, आइए जानते हैं।


युवाओं के बीच पॉपुलर हो रहे परप्‍लेक्‍स‍िटी और चैटजीपीटी

परप्‍लेक्‍सिटी और चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्‍स हाल के वक्‍त में युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हुए हैं। चैटजीपीटी ने कई ट्रेंड दिखाए जिनमें घ‍िब्‍ली इमेज सबसे ज्‍यादा पॉपुलर हुआ। परप्‍लेक्‍सिटी ने इस तरह का ट्रेंड तो नहीं दिखाया, लेकिन कंपनी अपने कई फैसलों से चौंका चुकी है। हाल में उसने मोटोरोला के साथ एक पार्टनरशिप की, जिसके बाद सभी मोटो स्‍मार्टफोन्‍स में परप्‍लेक्‍स‍िटी प्री-इंस्‍टॉल आ रहा है और लोग इस एआई सर्च इंजन को इस्‍तेमाल कर सकते हैं। कहा जाता है कि सैमसंग और परप्‍लेक्‍स‍िटी के बीच भी इसी तरह के इंटीग्रेशन पर बात चल रही है।


ऐपल क्‍या सोच रही परप्‍लेक्‍सिटी के बारे में

ब्‍लूमबर्ग के अनुसार, ऐपल में मर्जर यानी विलय का काम देखने वाले एड्रियन पेरीका ने Perplexity के AI ड्र‍िवन सर्च टूल्‍स को इंटीग्रेट करने की संभावनाओं पर कंपनी के सर्विसेज चीफ और अन्‍य एआई लीडर्स के साथ बात की है। रिपोर्ट के अनुसार, डील आगे बढ़ती है तो परप्‍लेक्‍सिटी एआई को ऐपल के सफारी ब्राउजर के साथ इंटीग्रेट किया जा सकता है। ऐसा करने से कंपनी की निर्भरता गूगल पर कम हो सकती है। ऐपल अपने ऐपल इंटेलिजेंस को लेकर भी काफी सीरियस है और परप्‍लेक्‍सिटी के इंटीग्रेशन से उसके इंटेलिजेंस को लाभ मिल सकता है। खास बात है कि ऐपल से पहले मेटा इस बारे में सोच चुकी है। अब ऐपल यह विचार कर रही है।


परप्‍लेक्‍सिटी का भारत का क्‍या कनेक्‍शन

परप्‍लेक्‍सिटी के को-फाउंडर और सीईओ अरविंद श्रीनिवास भारत से ताल्‍लुक रखते हैं। उनका जन्‍म 1994 में चेन्‍नई में हुआ था। अरविंद श्रीनिवास ने आईआईटी-मद्रास से पढ़ाई की है। उसके बाद वह कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी करने चले गए। अरविंद श्रीनिवास ने ओपनएआई से अपना करियर शुरू किया था। उन्‍होंने गूगल व डीपमाइंड जैसी कंपनियों में भी काम किया है।
प्रेम त्रिपाठी
लेखक के बारे में
प्रेम त्रिपाठी
प्रेम त्रिपाठी, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में असिस्‍टेंट एडिटर हैं। बीते 14 साल से पत्रकार‍िता में हैं और 10 साल से टेक्‍नॉलजी बीट को कवर रहे हैं। इन्‍होंने देश के बड़े अखबारों और गैजेट वेबसाइट के टेक सेक्‍शन में काम किया है। टेक न्‍यूज, गैजेट रिव्‍यूज, टिप्‍स ट्रिक्‍स, इंडस्‍ट्री स्‍टोरी, इंटरव्‍यू का अनुभव रखते हैं। टेक की उभरती हुईं बीट्स जैसे- आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स, डिफेंस टेक पर लिखने का अनुभव है। गैजेट से जुड़े वीडियोज भी बनाते हैं। खाली वक्‍त में कुकिंग करना पसंद है। मन पहाड़ों में लगता है।... और पढ़ें
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