मेरठ में भाजपा नेत्री डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के एनसीआर मेडिकल कॉलेज और आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की, जो एमबीबीएस सीटों के आवंटन में अनियमितताओं की शिकायत पर आधारित थी। जांच एजेंसी ने दस्तावेजों की गहन जांच की और पूछताछ की, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई।
मेरठ की खबर
रामबाबू मित्तल, मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में भाजपा नेत्री और पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम ने उनके खरखौदा स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज और बेगमबाग स्थित निजी आवास पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों के आवंटन को लेकर अनियमितताओं की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है।
सीबीआई टीम ने कॉलेज व आवास पर एक साथ छापेमारी कर दस्तावेजों की गहन जांच की। इस दौरान डॉ. सरोजिनी, उनके करीबी डॉक्टरों और स्टाफ से पूछताछ भी की गई। सोमवार को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की एक टीम भी कॉलेज में जांच के लिए पहुंची थी, जिसने कई घंटों तक रिकार्ड खंगाले थे। अगले ही दिन सीबीआई की कार्रवाई से हड़कंप मच गया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और संपत्ति का साम्राज्य डॉ. सरोजिनी अग्रवाल मेरठ के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वर्ष 1995 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद से राजनीति में सक्रिय हैं। वे समाजवादी पार्टी की सरकार में दो बार एमएलसी रही हैं और सपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे मुलायम सिंह यादव और आजम खान की करीबी मानी जाती रही हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने सपा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा और 2018 में पुनः एमएलसी निर्वाचित हुईं।
डॉ. सरोजिनी का परिवार शिक्षा क्षेत्र में भी सक्रिय है। उनके पति डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल मेरठ कॉलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं। परिवार के पास मेरठ और नोएडा में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और स्कूल भी हैं। एनसीआर मेडिकल कॉलेज पहले ‘मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज’ के नाम से चल रहा था, जिसे भाजपा में आने के बाद बदला गया।
पूर्व एमएलसी परिवार पहले से विवादों के रहा घेरे में यह पहला मौका नहीं है जब अग्रवाल परिवार सवालों के घेरे में आया हो। इससे पहले भी सरोजिनी अग्रवाल, उनके पति डॉ. ओमप्रकाश, बेटी डॉ. नीमा और कुछ अन्य सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हो चुका है। मामला 2016 का है, जब समाजवादी आवास योजना के तहत फ्लैट दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से लगभग 9.62 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगा था। लिसाड़ी गेट थाने में हाजी इरफान अंसारी की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इरफान के अनुसार, पैसे लेकर भी तीन साल बाद फ्लैट का कब्जा नहीं मिला।
छापेमारी के दौरान सन्नाटा, मीडिया से दूरी छापेमारी की सूचना मिलते ही मीडिया ने सरोजिनी अग्रवाल और उनके परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी का भी फोन नहीं उठा। डॉ. सरोजिनी, उनकी बेटी डॉ. हिमानी (जो कि महिला आयोग की सदस्य भी हैं), और उनके सहयोगी डॉ. राजेश तक ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। हालांकि स्टाफ ने संक्षेप में रेड की पुष्टि की और बताया कि उन्हें दूसरे कमरे में बैठा दिया गया है जबकि टीम घर की तलाशी में जुटी है।
देर रात बिना मीडिया से कुछ बोले चली गई टीम सीबीआई टीम मंगलवार देर रात लगभग 12 बजे तक दयानंद नर्सिंग होम में छानबीन करती रही। जाते वक्त टीम अपने साथ दो बड़े बैग, दो कपड़ों के थैले और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से भरा एक बैग भी ले गई। हालांकि, टीम ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में छापेमारी की चर्चा एक ओर जहां भाजपा नेत्री और एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का राजनीतिक व सामाजिक प्रभाव वर्षों से स्थापित है। वहीं दूसरी ओर उन पर उठते गंभीर सवाल और अब सीबीआई की छापेमारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों के आवंटन से जुड़ी जांच किस मोड़ पर जाएगी, यह आने वाला समय बताएगा। फिलहाल मेरठ का यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
लेखक के बारे मेंऐश्वर्य कुमार रायऐश्वर्य कुमार राय नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में बतौर प्रिंसिपल डिजिटल कॉन्टेंट प्रड्यूसर कार्यरत। गृहनगर पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर, जहां जन्म से लेकर स्कूल तक शिक्षा-दीक्षा हुई। ग्रैजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से करने के बाद भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता में पीजी-डिप्लोमा की पढ़ाई। पेशेवर सफर देश की एकमात्र त्रिभाषीय एजेंसी UNI-वार्ता से शुरू हुआ। फिर NBT के साथ आगे की यात्रा। दिल्ली और लखनऊ कर्मभूमि। यात्रा, सिनेमा, दर्शन, इतिहास में दिलचस्पी।... और पढ़ें
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