2000 किमी दूर इलाज के लिए मथुरा लाया गया विशाल हाथी, पैर की हड्डी टूटने के बाद लावारिस छोड़ा गया था

Edited byधीरेंद्र सिंह|Lipi
Subscribe

Elephant Treatment Mathura News: 52 साल के नर हाथी को 2000 किमी की यात्रा करके मथुरा के वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ऊंचाई से गिरने से उसे बाएं पैर की हड्डी टूट गई थी, उसे बीमार हालात में छोड़ दिया गया था। जिसे विशेष एलिफेंट एंबुलेंस से मथुरा लाया गया है।

हाइलाइट्स

  • 52 साल का नर हाथी 'वायू' गंभीर चोटों के साथ मथुरा लाया गया
  • लकड़ी ढोने में इस्तेमाल होने वाले वायू को बिना इलाज छोड़ था
  • वाइल्ड लाइफ एसओएस ने विशेष देखभाल की योजना बनाई
Elephant Treatment Mathura News
हाथी को इलाजा के लिए मथुरा लाया गया
सुनील साकेत, आगरा/मथुरा: दशकों की कठिनाई और क्रूरता सह रहे वायू नाम के नर हाथी को मथुरा स्थित वाइल्ड लाइफ एसओएस के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उसे 2 हजार किमी दूर असम से लाया गया है। वायू की उम्र 52 साल है। असम में उससे लकड़ी ढोने के काम में इस्तेमाल किया जाता था। ऊंचाई से गिरने के बाद उसके पैर की हड्डी टूट गई थी। गंभीर चोट लगने के बाद उसे बिना इलाज के छोड़ दिया गया था। वाइल्ड लाइफ के प्रयास से वह मथुरा के हाथी अस्पताल में पहुंच गया है। जहां उसका इलाज शुरू हो गया है।
एसओएस के अधिकारियों ने बताया कि वायू (नर हाथी) का जीवन बिल्कुल भी सौम्य नहीं रहा। लकड़ी ढोने वाले हाथी के रूप में उसका इस्तेमाल किया जाता था। एक बार वह नागालैंड में ऊंचाई से गिर गया था, जिससे उसका बायां पैर टूट गया। बुरी तरह से घायल अवस्था में उसे छोड़ दिया गया था। चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण वह बहुत कमजोर और गंभीर बीमार हो गया था। कोहनी के जोड़ में एंकिलोसिस (जोड़ों की अकड़न) और ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण उसकी चाल अपंग हो गई। रक्त परीक्षण में एनीमिया, परजीवी संक्रमण संबंधी कमियों का पता चला।

एलिफेंट एंबुलेंस से लाया ‘वायू’

एसओएस के सीईओ कार्तिक नारायण ने बताया कि उसकी हालत की गंभीरता को देखते हुए वायु को विशेष देखभाल की जरूरत थी, उसे लाने के लिए अनुमति ली गई। वाइल्ड लाइफ ऐलिफेंट हॉस्पिटल के विशेषज्ञों की टीम तैयार की गई। एलिफेंट एंबुलेंस के साथ उसे 2 हजार किलोमीटर की यात्रा के लिए भेजा गया। टीम में पशु चिकित्सक, देखभाल करने वाले कर्मचारी शामिल थे। एक कठिन यात्रा के बाद वायू को मथुरा स्थित एसओएस एलिफेंट अस्पताल लाया गया। अस्पताल में उसका स्वागत किया गया। स्वादिष्ट व्यंजन खिलाए गए।

अस्पताल में शुरू हुआ उपचार

वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ई गोचलन ने बताया कि हाथी ‘वायु’ की स्थिति गंभीर है। ऑस्टियोआर्थराइटिस और पैरों के पतले होने से लेकर एनीमिया और कैल्शियम का स्तर खराब है, उसे गहन देखभाल की जरूरत है। यात्रा के दौरान उसे सहज महसूस कराने के लिए सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया था। सही उपचार से वह आराम और अपनी गरिमा में आ सकेगा।

सीईओ कार्तिक नरायण ने बताया कि हम बीमार हाथियों की मदद के लिए हाथी स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर रहे हैं। इसके अलावा हाथी मोबाइल क्लिनिक ‘हाथी सेवा’ को लॉन्च करने की योजना है।
धीरेंद्र सिंह

लेखक के बारे मेंधीरेंद्र सिंहनवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर हूं। यूपी और उत्तराखंड से जुड़ी राजनीतिक समेत अन्य खबरों पर काम करने की जिम्मेदारी है। इससे पहले की बात की जाए तो दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। 2014 से करियर की शुरूआत हुई और 8 साल से अधिक का अनुभव हो चुका है। इस दौरान दिल्ली, यूपी और जम्मू कश्मीर में रिपोर्टिंग करने का भी मौका मिला। टाइम्स ग्रुप से पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका (डिजिटल), नवोदय टाइम्स, हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी समेत कुछ अन्य संस्थानों में काम किया है। अखबार और डिजिटल जर्नलिज्म की दुनिया में लिखने पढ़ने का काम जारी है।... और पढ़ें

कन्वर्सेशन शुरू करें

रेकमेंडेड खबरें

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
OSZAR »