बिहार में नए वोटर लिस्ट पर सियासी उबाल के बीच आपके लिए जरूरी सवाल और उसके जवाब, जानें

Edited byसुनील पाण्डेयReported byमनीष अग्रवाल|नवभारत टाइम्स
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बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले चुनाव आयोग वोटर लिस्ट को फिर से बना रहा है। इस काम का कई पार्टियां विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि चुनाव आयोग चुपके से एनआरसी लागू कर रहा है। इससे गरीब लोग वोट नहीं डाल पाएंगे। इन सभी सवालों का जवाब जान लें।

bihar new voter list 2025
बिहार में चुनाव से पहले बन रहा नया वोटर लिस्ट
दिल्ली/पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग यहां की वोटर लिस्ट को नए सिरे से बना रहा है। चुनाव आयोग के इस कदम का विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। इसमें आयोग पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वो चुपके से एनआरसी लागू कर रहा है। ऐसा करके गरीबों को मताधिकार से दूर रखा जा रहा है। आयोग का असली निशाना बिहार नहीं बल्कि बंगाल है। इस तरह की तमाम आशंकाओं और सवालों का जवाब हम एनबीटी के इस एक्सप्लेनर में दे रहे हैं।


वोटर लिस्ट से जुड़े कुछ जरूरी सवाल-जवाब

सवाल-
जवाब- चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि बिहार में वोटर लिस्ट को नए सिरे से फ्रेश बनाया जा रहा है। इससे ना तो किसी गरीब का मताधिकार छीना जाएगा और ना ही किसी राज्य को टारगेट करने और एनआरसी लागू करने का काम किया जा रहा है। ये ड्राइव संविधान के आर्टिकल-326 के तहत की जा रही है। जिसमें भारतीय वोटर लिस्ट में नाम ऐड होने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है। इसी वजह से ये दस्तावेज मांगे जा रहे हैं।
सवाल-
जवाब- ऐसा नहीं है, अगर किसी बालिग शख्स के पास इस तरह का कोई भी दस्तावेज नहीं है तो भी उसका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिकेशन में जरूर आएगा। बशर्ते उसने बीएलओ द्वारा दिए जा रहे वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने वाले एन्यूमरेशन फॉर्म को भरकर बीएलओ को दिया हो। दस्तावेज ना होने जैसी स्थिति में ईआरओ (इलाके का एसडीएम) संबंधित शख्स की भारतीय पहचान को सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे। दस्तावेज का पता लगाने के लिए वॉलंटियर भी नियुक्त किए गए हैं।

सवाल-
जवाब- जिसका भी नाम बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट में है। उनमें से किसी को भी अपनी पहचान साबित करने के लिए कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। हां, उन्हें बीएलओ को भरे गए फार्म को देते वक्त 2003 की वोटर लिस्ट के उस हिस्से का फोटो कॉपी समेत विवरण बीएलओ को देना होगा। जिसमें उसका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में जुड़ा हुआ साबित हो रहा है। दस्तावेज देने की जरूरत 2003 के बाद वाले वोटरों और नए वोटरों को है। रही बात आधार को नहीं मानने की तो आयोग का कहना है कि ये फर्जी भी हो सकता है।

सवाल-
जवाब- इस तरह के किसी भी वोटर को जिसका नाम 2003 के बाद वाली वोटर लिस्ट में है। उन्हें अपनी डेट ऑफ बर्थ और बर्थ प्लेस साबित करने वाला दस्तावेज चाहिए होगा। लेकिन अगर किसी के पास यह नहीं है चाहे वह बेघर भी हो तो आयोग के वॉलंटियर और ईआरओ ऐसे शख्स की मदद करेंगे। अगर किसी भी तरह से किसी की पहचान साबित करने का कोई दस्तावेज या गली-मोहल्ले में उसकी पहचान वाला कोई नहीं मिलता है तो ही ऐसे मामलों में वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या काटने पर विचार किया जाएगा।

सवाल -
जवाब- ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि डुप्लिकेट वोटर कार्ड को डिलीट किया जा सके। अगर कोई वोटर चालाकी से अपने नाम और अन्य जानकारी छिपाते हुए दूसरे राज्य में भी अपना वोटर कार्ड बनवा लेता है तो उसे पकड़ में लाया जा सकेगा। ऐसे तमाम डुप्लिकेट वोटर कार्ड को वोटर लिस्टों से डिलीट किया जाएगा।


आपके लिए काम का इनफॉर्मेशन

  • एनुमरेशन फॉर्म भरना- 25 जून से 26 जुलाई
  • वोटर लिस्ट का ड्रॉफ्ट पब्लिकेशन कब- 1 अगस्त
  • वोटरों के दावे और आपत्तियां कब से कब तक- 1 अगस्त से 1 सितंबर तक
  • फाइनल वोटर लिस्ट का पब्लिकेशन कब होगा- 30 सितंबर 2025 को
  • बिहार में जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट में 1 जनवरी 2003 के बाद जुड़े हैं। उन सभी के लिए ही डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन के वक्त इन तीन कैटेगरी में अपने दस्तावेज देना जरूरी होगा।
  • 1 जनवरी 2003 तक जिन लोगों के नाम बिहार की वोटर लिस्ट में शामिल थे। उनसे आयोग नई वोटर लिस्ट बनाते वक्त कोई दस्तावेज नहीं मांगेगा। भले ही उनके नाम बाद वाली वोटर लिस्ट में कट भी गए हों।
  • 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्म लेने वाले भारतीय वोटर के लिए- डेट ऑफ बर्थ और प्लेस ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट देना जरूरी
  • 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच भारत जन्म लेने वालों के लिए- अपने समेत अपनी मां या पिता में से किसी एक का डेट ऑफ बर्थ और प्लेस ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट
  • 2 दिसंबर, 2004 के बाद जन्म लेने वाले- अपना, अपने पिता और माता का भी डेट ऑफ बर्थ और प्लेस ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट
  • अगर कोई पेरेंट भारतीय नहीं है तो उनके लिए अलग से दस्तावेज देने होंगे। भारत से बाहर जन्म लेने वाले भारतीय के लिए
सुनील पाण्डेय

लेखक के बारे मेंसुनील पाण्डेयफिलहाल नवभारत टाइम्स में पत्रकारिता की शौक पूरा कर रहा। ETV News, Zee Media, News18 सहित कई संस्थानों में अहम पद पर रहे। ग्राउंड और रिसर्च स्टोरी पर रिपोर्टिंग/एडिटिंग में माहिर माने जाते हैं। राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर खासी पकड़ रखते हैं। TV News के लिए शो बनाने में ​एक्सपर्ट सुनील पाण्डेय को डिजिटल माध्यम में दिलचस्पी और सीखने की प्रबल इच्छा इन्हें नवभारत ​टाइम्स तक खींच लाई। मीडिया के नए प्रयोगों में दिलचस्पी के साथ सीखने की सतत इच्छा। Twitter Handle- @Sunilpandeyjee... और पढ़ें

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