सपा के घोषणा पत्र के केंद्र में ओबीसी, एससी-एसटी और महिलाएं हैं। मुफ्त व भारी-भरकम पेंशन के वादों से भी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की गई है। घोषणापत्र में गांधी, अंबेडकर, लोहिया से लेकर मुलायम तक के विचारों को जगह दी गई है।
हाइलाइट्स
सपा के घोषणा पत्र में पीडीए और महिला वोटरों पर खास फोकस है
2022 विधानसभा चुनाव के कई पुराने वादे भी इसमें दोहराए गए हैं
गांधी, अंबेडकर और लोहिया से लेकर मुलायम के विचारों को मिली जगह
पार्टी ने आवारा पशुओं, पर्चा लीक मामले और सरकारी नौकरी को लेकर किया वादा
अखिलेश यादव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी का बुधवार को जारी हुआ घोषणा पत्र अखिलेश यादव की PDA रणनीति का ही विस्तार है। ओबीसी, एससी-एसटी के अधिकारों, निजी क्षेत्र तक आरक्षण का इशारा और जातीय जनगणना के वादे को लिखा-पीढ़ी का रूप दे दिया गया है। किसानों, मजदूरों, महिलाओं के लिए पेंशन के वादे के जरिए नजर भाजपा के लाभार्थी वोट बैंक में हिस्सा बंटाने पर भी है। हालांकि, वोटरों तक इन वादों की पहुंच और उनके 'ऐतबार' पर ही दांव की सफलता तय होगी। सपा के घोषणापत्र में गांधी, अंबेडकर, लोहिया से लेकर मुलायम तक के विचारों को जगह दी गई है। मुलायम के उस बयान का जिक्र भी है, 'सपा बख्शीश की नहीं परिवर्तन की राजनीति करती है।' हालांकि, घोषणा पत्र में परिवर्तन की जमीन के लिए मुफ्त के वादों पर खूब भरोसा दिखता है। पार्टी ने आवारा पशुओं, पर्चा लीक और सरकारी नौकरी के वादों के जरिए भी भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश की है, जिससे बेरोजगार के सवाल और गहराए जा सकें। एमएसपी का दायरा दूध से लेकर हर फसल तक बढ़ाने, मनरेगा की मजदूरी में बढ़ोतरी जैसे वादे भी समाहित हैं। बिना परिसीमन ही महिला आरक्षण लागू करने का भी वादा है।
पर्यावरण से पाकिस्तान तक अजेंडे में
चुनाव देश का है इसलिए वादों का फलक भी व्यापक है। AI को बढ़ाने से लेकर निर्यात दोगुना करने का वादा है। रक्षा के स्वदेशीकरण के साथ ही चीन और पाकिस्तान से सीमाओं की रक्षा करने व घुसपैठ व आतंकवाद को बर्दाश्त न करने की भी बात है। जलवायु परिवर्तन व प्रदूषण पर राष्ट्रीय चार्टर, गंगा-यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाया जा भी अजेंडे का हिस्सा है। अल्पसंख्यकों पर केंद्रित कोई अलग सेक्टर या वादा नहीं शामिल है। माना जा रहा है कि भाजपा के अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के आरोपों के जरिए बहुसंख्यक गोलबंदी की कोशिशों को कमजोर करने की यह कवायद है।
22 के कई वादे भी दुहराए गए
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने जो 22 संकल्प जनता के सामने रखे थे उसका अक्स 24 के मांगपत्र में भी नजर आ रहा है। प्रदेश में लैपटॉप के वादे को केंद्रीय स्वरूप दे दिया गया है तो पुरानी पेंशन, जातीय जनगणना के मुद्दे, केजी से पीजी तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा, फसलों के एमएसपी विधानसभा के वादे भी इस बार शामिल हैं। स्मार्ट, विलेज प्रॉजेक्ट, मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी ऐक्ट भी पुराना वादा है। हालांकि, सपा इनके भरोसे सत्ता तक नहीं पहुंच पाई।
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