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IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच शुरू, जानिए क्‍या है प्रक्रिया

Reported by: अंकुर तिवारीEdited by: आलोक भदौरिया|नवभारत टाइम्स

निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने खुली जांच शुरू की है। टीम उनकी संपत्ति, निवेश और आय-व्यय का ब्योरा जुटाएगी। एसएईएल कंपनी के सौर ऊर्जा परियोजना मामले में भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जहां कमीशन मांगे जाने की बात सामने आई थी।

हाइलाइट्स

  • आईएएस अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार के आरोप, विजिलेंस ने की जांच शुरू
  • सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट में 5% कमीशन मांगने का आरोप, मामला सीएम तक पहुंचा
  • ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की, निकांत जैन गिरफ्तार
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IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच शुरू (फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
अंकुर तिवारी, लखनऊ: भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस ने खुली जांच शुरू कर दी है। जांच टीम अभिषेक की संपत्ति और निवेश से जुड़ी जानकारियां जुटाने के साथ ही आय-व्यय का ब्योरा भी खंगालेगी। अभिषेक को नोटिस देकर पूछताछ के लिए भी बुलाया जाएगा।
एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने प्रदेश में सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने का संयंत्र लगाने के लिए सात हजार करोड़ रुपये का डीपीआर दिया था। इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों पर इसे मंजूरी देने के लिए पांच प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगा था। मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा। सीएम के आदेश पर 20 मार्च को इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित किया गया।

लखनऊ पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर निकांत जैन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू कर दी है।

विजिलेंस विभाग कैसे करता है खुली जांच

खुली जांच में विजिलेंस विभाग शासन के आदेश पर लोकसेवक की संपत्तियों और आय-व्यय के ब्योरे को जुटाता है। आरोपी के बयान दर्ज किए जाते हैं। इस जांच में न कोई मुकदमा दर्ज होता है न ही कोई विधिक कार्रवाई। जांच के बाद विभाग शासन को अपनी रिपोर्ट भेजता है। अगर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने लायक साक्ष्य हैं तो विजिलेंस शासन को निष्कर्ष के रूप में यह जानकारी देता है। शासन आदेश देता है तो खुली जांच के आधार पर एफआईआर दर्जकर विधिक कार्रवाई शुरू होती है।
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