Amit Shah: हिंदी किसी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं, बल्कि यह सभी भारतीय भाषाओं की सखी है-अमित शाह

Edited byसंजीव कुमार|भाषा
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ दशकों में भाषा को भारत को तोड़ने का जरिया बनाया गया, जिसमें सफलता नहीं मिली। मोदी सरकार भारतीय भाषाओं को देश को एकजुट करने का सशक्त माध्यम बनाएगी।

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हिंदी भाषा पर फिर बोले अमित शाह
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि विगत कुछ दशकों में भाषा को भारत को तोड़ने का जरिया बनाया गया, लेकिन इस प्रयास में सफलता नहीं मिली। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय भाषाएं देश को एकजुट करने का सशक्त माध्यम बनें। केंद्र सरकार के आधिकारिक भाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में शाह ने कहा कि हिंदी किसी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है, बल्कि यह सभी भारतीय भाषाओं की सखी है और देश में किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए।

कुछ दशकों में भाषा को भारत को तोड़ने का जरिया बनाया गया
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश का प्रशासन राष्ट्र की भावना के अनुरूप होना चाहिए और भारतीय भाषाओं के स्वाभिमान के लिए प्रशासनिक कार्य भी भारतीय भाषाओं में किए जाने चाहिए। शाह ने दावा किया कि विगत कुछ दशकों में भाषा को भारत को तोड़ने का जरिया बनाया गया, लेकिन इस प्रयास में सफलता नहीं मिली। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी भाषाएं भारत को एकजुट करने का एक सशक्त माध्यम बनें।
उन्होंने कहा कि राजभाषा विभाग इस प्रयास की दिशा में काम करेगा। गृह मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से चिकित्सा और इंजीनियरिंग शिक्षा स्थानीय भाषा में प्रदान करने की पहल का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सभी राज्य सरकारों को प्रशासनिक कामकाज में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने में मदद करेगा। गृह मंत्री ने कहा कि मेरा पूर्ण विश्वास है कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं हो सकती। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है।

हिंदी और अन्य भाषाएं भारतीय संस्कृति के स्वाभिमान को बढ़ाती हैं
शाह ने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं मिलकर देश की संस्कृति के स्वाभिमान को और बढ़ा सकती हैं। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि गुलामी की मानसिकता से सभी को मुक्ति मिलनी चाहिए और जब तक कोई व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेगा या अपनी भाषा में अपनी बात नहीं कहेगा, तब तक वह व्यक्ति गुलामी की मानसिकता से मुक्त नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि किसी भाषा का विरोध नहीं है। किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, लेकिन अपनी भाषा का गौरव बढ़ाने की ललक होनी चाहिए। अपनी भाषा बोलने की ललक होनी चाहिए, अपनी भाषा में सोचने की ललक होनी चाहिए। शाह ने कहा कि जहां तक देश का सवाल है, भाषा सिर्फ संचार का माध्यम नहीं है, यह राष्ट्र की आत्मा है।

जेईई, नेट, सीयूईटी जैसी परीक्षाएं 13 भाषाओं में आयोजित हो रहीं
शाह ने कहा कि भारतीय भाषाओं को जीवंत रखना और उन्हें समृद्ध बनाना महत्वपूर्ण है। हमें आने वाले दिनों में सभी भारतीय भाषाओं, विशेषकर राजभाषा के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि जेईई, नीट, सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाएं अब 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में कांस्टेबल पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा अब केवल हिंदी और अंग्रेजी के बजाय 13 भाषाओं में आयोजित की जाती है।
संजीव कुमार

लेखक के बारे मेंसंजीव कुमारसंजीव कुमार,बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं। वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। डिजिटल मीडिया में 5 साल से अधिक का अनुभव है। वो लोकल से लेकर नेशनल और करंट अफेयर्स को कवर करते हैं। नवभारत टाइम्स ज्वॉइन करने से पहले जागरण न्यू मीडिया,वन इंडिया और अमर उजाला जैसे संस्थानों में काम कर चुके हैं।... और पढ़ें

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