मिलावटी डीजल और पेट्रोल की पहचान क्या है?
दरअसल, पेट्रोल पंप के नीचे टैंकर होता है उसमें पानी मिलाया जाता है। पहचान का सबसे आसान तरीका है कि पंप ऑपरेटर से फिल्टर पेपर मांग सकते हैं और उस पर पेट्रोल की 2 बूंद डालिए। फिर बूंद को कुछ देर के लिए सुखने दीजिए। अगर पेट्रोल या डीजल उस फिल्टर पेपर से पूरी तरह उड़ जाता है तो समझिए सही फ्यूल आपको मिला है। अगर वह फिल्टर पेपर पर किसी तरह का दाग छोड़ता है तो समझ लीजिए गड़बड़ फ्यूल मिल गया है।
सबसे पहले फ्यूल टैंक में डीजल या पेट्रोल फुल करवाएं। इसके बाद इसमें हाइड्रोमीटर डालें। पेट्रोल का घनत्व 720 से 775 किग्रा/मी^3 के बीच होता है। वहीं डीजल का घनत्व 820 से 860 किग्री /मी^3 के बीच होता है। अगर डेंसिटी में थोड़ा भी अप-डाउन हो तो समझ लीजिए मिलावटी फ्यूल मिल गया है।
मिलावटी पेट्रोल-डीजल से गाड़ियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा
- गाड़ी का इंजन झटके देने के बाद बंद हो जाएगा
- इंजन की लाइफ कम हो जाएगी।
- वाहन का माइलेज कम हो जाएगा
- फ्यूल टैंक में जंग लग सकती है।
- साइलेंसर और स्पार्क प्लग खराब हो सकता है।
सीएम मोहन यादव के काफिले की गाड़ियों में पानी मिला डीजल डाले जाने की सूचना मिलने के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया। इसके बाद अफसरों ने तुरंत पेट्रोल पंप को सीज कर दिया। अब पेट्रोल पंप की जांच की जाएगी।