Operation Sindoor: भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने कहा कि चीन ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि मई में भारत-पाक संघर्ष के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सहायता दी।
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने भारत को तकलीफ पहुंचाने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया। मई महीने में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष के दौरान चीन ने पाकिस्तान को हरसंभव सहायता दी। यह कहना है उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह का। उद्योग चैंबर 'फिक्की' को संबोधित करते हुए सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष का इस्तेमाल अलग-अलग हथियारों के टेस्ट के लिए एक 'लैब' की तरह किया।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन की '36 चालों' की प्राचीन सैन्य रणनीति और 'उधार के चाकू' से दुश्मन को मारने की रणनीति का जिक्र करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बीजिंग ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान को हरसंभव समर्थन दिया। 'उधार के चाकू से मारने' का मतलब है कि दुश्मन को पराजित करने के लिए किसी तीसरे पक्ष का इस्तेमाल करना, मतलब चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया।
'...तीन दुश्मनों से लड़ रही थी भारतीय सेना'
उन्होंने कहा कि भारत वास्तव में तीन शत्रुओं का सामना कर रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के अलावा तुर्किये भी इस्लामाबाद को सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति में प्रमुख भूमिका निभा रहा था। भारतीय सेना के क्षमता विकास और संधारण संबंधी कार्य देखने वाले उप सेना प्रमुख ने कहा कि इस्लामाबाद को बीजिंग का समर्थन आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों का 81 प्रतिशत सैन्य साजोसामान चीन से आता है।
वह (चीन) उत्तरी सीमा पर खुद सीधे टकराव में पड़ने के बजाय भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पड़ोसी देश का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करता है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान केवल सामने का चेहरा था, जबकि असली समर्थन चीन से मिल रहा था। हमें इसमें कोई हैरानी नहीं हुई, क्योंकि अगर आप पिछले पांच वर्षों के आंकड़े देखें, तो पता चलता है कि पाकिस्तान को मिलने वाले सैन्य उपकरणों में से 81 प्रतिशत चीन से आ रहे हैं। तुर्किये ने भी पाकिस्तान को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर.सिंह
उन्होंने कहा, 'हमने युद्ध के समय और युद्ध क्षेत्र में कई ड्रोन आते और उतरते देखे, साथ ही वहां मौजूद व्यक्तियों की गतिविधियां भी देखी गईं।' उप सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नेतृत्व का 'रणनीतिक संदेश' स्पष्ट था और उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में टारगेट की प्लानिंग और चयन बहुत सारे आंकड़ों पर आधारित था।
भारत के हमलों से घुटनों पर आया पाकिस्तान
भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इन हमलों के कारण चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं। भारत के सख्त जवाबी हमले के कारण पाकिस्तान को संघर्ष समाप्त करने की गुहार लगाने पर मजबूर होना पड़ा।
लेखक के बारे मेंअशोक उपाध्याय"नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड मैनेजमेंट, नोएडा से 2013 में पासआउट। पत्रकारिता में 10 साल का अनुभव है। साल 2013 में एनबीटी अखबार से पत्रकारिता के सफर की शुरुआत की थी। राजनीति, क्राइम समेत कई बीटों पर काम करने का अनुभव है। अमर उजाला देहरादून में भी सेंट्रल डेस्क पर काम किया। साल 2020 में डिजिटल मीडिया की दुनिया में कदम रखा। मीडिया के बदलते स्वरूप के साथ खुद को बदलने का प्रयास जारी है।"... और पढ़ें
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