यूपी में पीएम आवास योजना के घर हो सकते हैं महंगे, दाम बढ़ाने की तैयारी में सरकार

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प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत अब अपना घर खरीदना महंगा हो सकता है। उत्तर प्रदेश में EWS श्रेणी के AHP घरों की कीमत बढ़ने की संभावना है, क्योंकि बिल्डर्स कम लागत के कारण रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

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यूपी में पीएम आवास योजना शहरी के घर हो सकते हैं महंगे। (Image: @PMAYUrban)
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत अपने घर का सपना पूरा करना अब थोड़ा महंगा हो सकता है। यूपी में प्रशासन EWS कैटेगरी के लिए बनने वाले AHP घरों की कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इस योजना के तहत प्राइवेट बिल्डर्स के साथ मिलकर किफायती घर बनाए जाते हैं और बहुत ही कम कीमत पर पीएम आवास की पात्रता की शर्तें पूरी करने वालों को दिए जाते हैं।

मगर इस योजना को आगे बढ़ाने में एक बड़ी दिक्कत आ रही है। दरअसल इस योजना के तहत लाभार्थियों को 30 से 45 वर्ग मीटर के घर बनाकर दिए जाते हैं। आमतौर पर ईडब्ल्यूएस घरों की कीमत 4.5 लाख से 6.5 लाख रुपये ही लाभार्थियों को देने होते हैं। 2.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी सरकार की ओर से अलग से मिलती है। मगर अब बिल्डर्स इस योजना में बहुत रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
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कम दाम बनी परेशानी

बिल्डर्स का मानना है कि PMAY-U 2.0 के तहत बनने वाले किफायती आवास की कीमत बहुत ही कम है। इस कीमत में लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है। इसलिए वे इस योजना से जुड़ने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसे लेकर प्रशासन ने बैठक भी की है और इस बात पर सहमति बन रही है कि मकानों का कारपेट एरिया बढ़ाया जाए और उसके साथ ही दाम भी बढ़ा दिए जाएं। मीडिया खबरों के अनुसार केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक इस पर विचार किया जा रहा है।

क्या है AHP कैटेगरी

पीएम आवास योजना शहरी के AHP (Affordable Housing in Partnership) कैटेगरी के अंतर्गत बिल्डर्स को ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में 25% घर EWS कैटेगरी के लिए बनाने होते हैं। जिन लोगों की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम है, वे इन घरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। लिस्ट में नाम आने के बाद लाभार्थी को न्यूनतम बुकिंग राशि देनी होती है। इस योजना के तहत 30 से 45 मीटर कारपेट एरिया का घर मिलता है।


केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक राज्य योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को देने के लिए इन घरों की कीमत (प्रति वर्ग मीटर) अपने हिसाब से कर सकते हैं। इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद तभी मिलती है, जब हाउसिंग सोसाइटी में 25 फीसदी घर ईडब्लूएस के लिए बनाए गए हों। केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि ये घर No Profit No Loss के आधार पर बनने चाहिए।
अम‍ित कुमार

लेखक के बारे मेंअम‍ित कुमार18 साल पहले प्र‍िंट से मीड‍िया में सफर की शुरुआत करने के बाद अभी ड‍िज‍िटल की दुन‍िया का ह‍िस्‍सा हूं। इस दौरान टीवी9, अमर उजाला, दैन‍िक ह‍िंदुस्‍तान, जनसत्ता और नई दुन‍िया जैसे प्रत‍िष्‍ठ‍ित संस्‍थानों में अपनी सेवाएं दीं। द‍िल्‍ली यून‍िवर्स‍िटी से ह‍िंदी में एम.ए. करने के साथ माखनलाल यून‍िवर्स‍िटी से पत्रकार‍िता में पीजी ड‍िप्‍लोमा क‍िया। वर्तमान में नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन के साथ यात्रा जारी है।... और पढ़ें

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